पुलिस सेवा से 38 वर्ष की निर्विघ्न निर्विवाद राजकीय सेवा उपरान्त राजकीय सम्मान के साथ सेवा निवृति पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाए
सेवा निवृत्त उपरांत जीवन में उज्ज्वल भविष्य उत्तम स्वास्थ्य, सुदीर्घ जीवन व आनंदित जीवन के लिए तहेदिल से हार्दिक शुभकामनाए
पुलिस सेवा के दौरान आप द्वारा जनसुरक्षा, जन सेवा के साथ सामाजिक सेवा में स्वच्छ भारत, ब्लड डोनेशन कैम्प आदि किये गए अविस्मरणीय सेवाओं के लिए आपको हमेशा पुलिस विभाग में याद किया जावेगा ।
सेवानिवृत्ति उपरान्त जीवन में आप समाज सेवा से जुङकर समाज सेवा में अनुकरणीय सेवाओं के सहभागी बनेगें ऐसी कामना है ।
भगवान राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त जीवन में आपको हमेशा सुखी स्वस्थ प्रसन्न व खुशहाल रखे यही शुभकामनाए है ।
विस्तृत परिचय:
श्री अशोक कुमार जी खत्री लगभग 39.5 वर्ष की उत्कृष्ट तथा गौरवपूर्ण पुलिस सेवा के बाद कोतवाली जयपुर थाना अधिकारी के पद से 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए। जोधपुर जिले के देचू में चुन्नीलाल जी कीरी और सजनी देवी के घर में 22 दिसंबर को अशोकजी का जधून्म हुआ। 29 जून 1979 को जैसलमेर जिले के गांव दिधू निवासी भंवरलाल जी बिछड़ा की पुत्री लीला से उनका विवाह हुआ।
शुभ विवाह के तुरंत पश्चात् 5 अगस्त 1979 को पुलिस सेवा में कांस्टेबल के पद पर जालौर में प्रथम नियुक्ति हुई। समीप के जसवंतपुरा में उनका प्रथम स्थानांतरण हुआ। अक्टूबर 1982 में उनकी नियुक्ति GRP रेलवे में अजमेर हुई। अजमेर सेवा के दौरान उनका प्रथम प्रमोशन हैड कांस्टेबल के रूप में हुआ। तत्पश्चात रेलवे में जोधपुर और पाली में सेवा देने के बाद 6 जुलाई 1992 को राजस्थान पुलिस में उनकी वापसी हुई और जयपुर के शास्त्री नगर थाने में नियुक्ति हुई। जयपुर में सोडाला, बजाजनगर, गांधीनगर में भी उनकी सेवाएं रही। 1993 में उनके उत्कृष्ट कार्य के पुरस्कार स्वरूप विशिष्ट पदोन्नति देकर Assistant sub inspector (ASI) बनाया गया। जनवरी 1999 में उन्हें पदोन्नत करके Sub Inspector (SI) बनाया गया. ASI /SI रहते हुए थाना अधिकारी (SHO) के रूप में गोविंदगढ़, कानोता, चाकसू, शिवदासपुरा, मनोहरपुरा, अचरोल, प्रागपुरा, बहरोड़, किशनगढ़ वास, मालाखेड़ा, उनियारा, लोसल इत्यादि में बेहतरीन सेवाएं रही। बीच में अगस्त 2008 से मार्च 2010 तक आबकारी विभाग में प्रतिनियुक्ति के दौरान उनकी उत्कृष्ट सेवाएं रही।
2015 में पदोन्नत होकर इन्स्पेक्टर बने और जयपुर कमिश्नरेट में staff officer नियुक्त हुए।
जयपुर के प्रतिष्ठित कोतवाली थाने में थाना अधिकारी के रूप में 22 जून 2016 से सेवानिवृत्त होने तक उनकी सेवाएं बेमिसाल और यादगार रही। सामाजिक सरोकारों से युक्त उनकी कार्यशैली की विभाग और जनता में बहुत प्रशंसा हुई। जन सुरक्षा, व्यापार मंडलों तथा जनता से सार्थक संवाद, रक्तदान शिविर आयोजन और अनेकानेक जनता से जुड़ी सेवाओं से लोकप्रियता मिली। थाने में सेवानिवृत्ति समारोह में पुलिस सहकर्मियों के साथ जनता, व्यापारियों, शुभचितकों की बड़ी तादात में शिरकत उनकी लोकप्रिय सेवाओं की पुष्टि कर रही थी।
इन्हीं सेवाओं के पुरस्कार स्वरूप1993 में उत्तम सेवा पदक और 1995 में अति उत्तम सेवा पदक हासिल किया। 15 अगस्त 2001 को राजस्थान के राज्यपाल के कर कमलों से अति उत्कृष्ट सेवा का राष्ट्रपति पुरस्कार से उन्हें नवाजा गया।
दो विवाहित पुत्रियों और एक अविवाहित पुत्र के पिता अशोकजी खत्री सेवानिवृत्त जीवन में समाज सेवा में समय देने की मंशा रखते हैं। उनकी सहधर्मिणी लीलादेवी का सहयोग और समर्पण उनकी बेदाग पुलिस सेवा में उन्हें प्रेरित करता रहा है।